
करकबेल-भारतीय किसान संघ महाकौशल प्रांत का दो दिवसीय जैविक वर्ग नरसिंहपुर जिला के ग्राम चिरचिटा में आत्मा समिति व् कृषि विज्ञान केंद्र नरसिंहपुर के विशिष्ट सहयोग से सम्पन्न हुआ. प्रशिक्षण का शुभारंभ प्रांत ग्रामविकास प्रमुख विजय कुमार ने किया महाकौशल प्रांत के 9 जिलों से लगभग 150 कृषक बंधुओं ने प्रशिक्षण में भाग लिया।

नरसिंहपुर जिला जैविक प्रमुख कृष्णपाल सिंह पटेल चिरचिटा तथा श्रीराम पटेल देगूँवा ने जैविक खेती की विधियों की सविस्तार जानकारी दी। कृषि विज्ञानं केंद्र के पादपरोग विशेषज्ञ डॉ. एस. आर शर्मा ने कल्चर मित्र फफूँद तथा माइकोराइजा के बारे में जानकारी दी।

प्रोजेक्ट कोआर्डिनेटर केव्हीके नरसिहंपुर डॉ. आशुतोष शर्मा ने अजोला की धान व् पशुओं के लिए उपयोगिता बताते हुए उत्पादन की विधि जानकारी दी। परियोजना संचालक आत्मा डॉ. आनंदमोहन शर्मा ने कहा रासायनिक खेती एक विशेष समय की आवश्यकता थी आज उसके दुष्परिणाम सर्वत्र देखने को मिलने लगे हैं अत: जैविक खेती आज ही नहीं तो विशिष्ट आवश्यकता है नहीं तो देश के समस्त नागरिको को इसके कारण अत्यंत गंभीर बिमारियों का सामना करना पड़ेगा।

जैविक तरीके तैयार गन्ना व् अंतर्वतीय अदरक तथा अजोला उत्पादन की तकनिकी को सभी किसानों ने प्रत्यक्ष भी देखा। इस अवसर पर प्रान्त अध्यक्ष विजय गौंटिया , प्रांत महामंत्री नारायण सिंह पटेल 'भारत', प्रांत उपाध्यक्ष नंदकिशोर परोहा, प्रांत संघठनमंत्री भरत सिंह पटेल, प्रांत सह जैविक प्रमुख हेतराम पटेल , प्रदेश कोषाध्यक्ष ओमनारायण पचौरी, जिला सहायक मिट्टी परिक्षण अधिकारी डॉ. आर एन पटेल की गरिमामय उपस्थिति में सभी प्रशिक्षार्थियों को प्रमाण पत्र और आधा किलो जैविक गुड़ दिया गया।

ठा. इंद्रभूषण सिंह मानेगांव ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की जो स्वयं भी जैविक खेती करते है।

भाकिस नरसिंहपुर सरदार सिंह पटेल ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम को में लक्ष्मण सिंह, इंद्रजीत सिंह, राघवेंद्र सिंह, रवींद्र सिंह, शैलेंद्र सिंह, राजेंद्र सिंह, संजय सिंह, देवेंद्र सिंह, अक्षय सिंह, अभिनव सिंह, रोहित सिंह, जयहिंद, टेक सिंह गुमास्ता, छोटे भैया दुबे, हिमांशु सक्सेना, दशरथ पटेल, संतोष ठाकुर, मौनी नौरिया, मानकुँवर बाई, शंकरिया बाई, हल्की बाई, सुमंत्रा बाई, यशोदा बाई, आदि विशेष सहयोग प्राप्त हुआ।

