अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा दिनांक 1,2,3 दिसम्बर - 2017 , परभणी ( महाराष्ट्र ) मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष द्वादशी , चतुर्दशी व पूर्णिमा वि.सं. 2074 , युगाब्द 5119
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प्रस्ताव क्रमांक : 1
एग्रो कुमिकल्स के उपयोग पर नियंत्रण कानून बनाया जाए
कुछ दिन पहले महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में किसानों द्वारा खेतों में जिन कीटनाशकों का प्रयोग किया गया, उसके कु प्रभाव से लगभग 27 किसानों की मृत्यु हुई | सैकड़ों किसान अभी भी अस्पतालों में मौत से संघर्ष कर रहे है | इसके पूर्व में भी इसी प्रकार कृषि में प्रयुक्त रसायनों के कुप्रभाव से तेलंगाना , उड़ीसा, विदर्भ आदि प्रदेशों में कई किसानों की मृत्यु हुई | पंजाब , दिल्ली समेत कई प्रदेशों में इसी के दुष्प्रभावों के कारण कैंसर आदि बिमारियों में बढ़ोत्तरी देखि गई है | एग्रो केमिकल्स के नियंत्रण के लिए आज जो कानून प्रचलन में है , वे सख्त एवं पर्याप्त नहीं है | उपलब्ध रसायनों के घटक , (Content) उनके अधिकृत मापदंड (Standard) एवं उसके प्रयोग की मात्रा आदि की सतत निगरानी एवं जांच की नियमित व्यवस्था पर्याप्त नहीं है | इसके साथ - साथ इन सारे तत्वों पर देश में पर्याप्त शोध की कमी दिखाई देती है | प्रतिबंधित रसायन देश में धड़ल्ले से बेचे जा रहे है | यह एक अत्यंत गंभीर समस्या है , जिसके दूरगामी परिणाम हो रहे हैं | किसानों के साथ - साथ देश की इतनी बड़ी आबादी के स्वास्थ के साथ भी खिलवाड़ हो रहा है | आज बाजार में जो रासायनिक खाद , कीटनाशक , तृणनाशक , बीज उपचार, ग्रोथ प्रमोटर, माइक्रो न्यूट्रियन्ट , जीवाणुनाशक, हर्बीसाइड, रिपलेंट आदि रसायन उपलब्ध है , इसके सतत निगरानी की कोई कारगर व्यवस्था नहीं है |
परिणामस्वरूप आज की स्थिति में किसानों का जीवन एक-दो लाख रुपयों के मुआवजे में सिमट गया है और उनके जीवन को मृत्यु की ओर धकेलने वाली कंपनियां खुलेआम घूम रही है | इन सब बातों को देखते हुए भारतीय किसान संघ की प्रतिनिधि सभा यह प्रस्ताव करती है कि :-
- कृषि में उपयोग किए जाने वाले सभी एग्रो केमिकल्स के मानक (Standard) के मापदंड एग्रो क्लाइमेटिक जोन के आधार पर वैज्ञांनिक तय करें |
- देश में एक सख्त 'पेस्टीसाइड एवं ' एग्रोकेमिकल्स मैनेजमेंट बिल ' लाया जाए |
- तय मापदंड से हटकर यदि कोई कंपनी उसका उत्पादन , विपणन आदि करता है तो उनको सीआरपीसी के आधार पर दंडित एवं ब्लैक लिस्टेड किया जाए , बड़े जुर्माने का प्रावधान हो , उत्पादन और विपणन में लिप्त सभी व्यक्तियों को सजा का प्रावधान हो |
- ग्लायफोसेट तथा अन्य ऐसे रसायन जो कैंसर एवं अन्य घातक बिमारियों के कारक माने जाते हैं | उन सभी के उत्पादन एवं उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध हो |
- डीलर विक्रेता के लाइसेंस हेतु न्यूनतम शिक्षा मानव एवं जवाबदेही तय हो | गलत सलाह देने पर कठोर दंड का प्रावधान हो |
- सभी एग्रो केमिकल्स के उपयोग हेतु सभी प्रकार का प्रशिक्षण और सुरक्षा सामग्री की जिम्मेदारी उत्पादक कंपनी पर हो |
- प्रमाणित एग्रो केमिकल्स के व्यवहार के बाद भी यदि सही परिणाम नहीं निकला तो उपज का मुआवजा देने का दायित्व कंपनी पर तय हो |
- इसके उपयोग से अपंग या मृत्यु होने पर , पीड़ित किसान की बची हुई आयु के अनुपात में , परिवार को, मुआवजा तय हो |
- स्थानीय भाषा में सभी प्रकार के प्रचार की व्यवस्था कंपनियों की हो |
- सभी एग्रो केमिकल्स के पैकिंग पर ' यह स्वास्थ के लिए हानिकारक है ' चेतावनी अंकित हो | इसी चेतावनी में , इसकी गुणवत्ता और प्रभाव की जिम्मेदारी कंपनी अपने ऊपर लेने की घोषणा करें |
- भारत की जैव विविधता में खरपतवार नाम का पौधा खाद्य या औषधि के रूप में प्रयुक्त होता है | अतः जैव विविधता की सुरक्षा हेतु एवं मानव स्वास्थ के हित में सभी खरपतवारनाशकों को हतोत्साहित किया जाए |