भारतीय किसान संघ
‘किसानों की, किसानों के लिये, किसानों द्वारा चलाये जानेवाली संघटना के रूप में भारतीय किसान संघ आज सारे विश्व में परिचित है| यह भारत की सबसे बडी किसान संघटना के रूप में भी जानी जाती है| भारतीय किसानों काविकास करने के लिए उनका संघठन जरूरी है, यह बात जान कर देश के एक ज्येष्ठ तत्त्वचिंतक, मजदूर नेता श्री. दत्तोपंतजी ठेंगडी ने इसकी स्थापना की| सभी राजकीय संघटनाओं से अलिप्त रहकर और राजकीय अभिलाषाओं से परे होकर भारतीय किसान संघ पिछले तीन दशकों से निःस्वार्थ रूप से अपने ध्येय की ओर अग्रेसर है|
भारतीय किसान संघ की स्थापना के पूर्व श्री. दत्तोपंतजी ठेंगडी ने संपूर्ण देश की यात्रा की और सभी राज्यों के किसानों की समस्याएँ जान ली| उन्होने सारे देश में से ६५० से अधिक किसान प्रतिनिधियों का चयन किया और राजस्थान के कोटा शहर में एक अधिवेशन आयोजित कर ४ मार्च १९७९ में भारतीय किसान संघ के स्थापना की घोषणा की| संघटनात्मक, रचनात्मक और आंदोलनात्मक भूमिका निभाते हुए आज भारतीय किसान संघ देश के किसानों तथा कृषी मजदूरों की आवाज उठानेवाली और साथ ही ग्राम विकास की प्रक्रिया में सहयोग देनेवाली एक प्रमुख संघटनाबन चुकी है|