
भारतीय किसान संघ के केशव विद्या पीठ जामडोली में चल रहे तीन दिवसीय 11 वें प्रदेश अधिवेशन का आज दूसरा दिन बड़े उत्तेजना पूर्ण उद्रबोधन से शुरू हुआ ! प्रथम सत्र संघ के राष्ट्रीय महामंत्री श्री बद्रीनारायण चौधरी ने राज्य सरकार व केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुये कहा की अगर मंडी में प्याज़ महँगा बिके तो भी किसान घाटे में और ज्यादा ज्यादा उत्पादन हो तो भी किसान घाटे में दोनो ही परिस्थितियों में अगर किसान घाटे में है तो सरकारों का यह नैतिक दायित्व नही होना चाहिए कि वर्षों पुरानी अपनी उपज खरीद नीतियों को बदले क्योंकि कृषि भारत का 68 प्रतिशत रोजगार देने वाला क्षेत्र है ! घिसी पिटी पुरानी नीतियों कि वजह से किसानों का आधा समय आंदोलनों में व्यतीत हो जाता है !

कृषि कि गुणवत्ता की तरफ उसका ध्यान ही नहीं जा पाता इस वजह से किसान परम्परागत भारतीय जैविक कृषि से दूर होता जा रहा है और लगातार जहरीली रासायनिक खेती करने को मजबूर होता जा रहा हैं ! किसान को बिजली , पानी , खाद , बीज के लिए भी आंदोलन करना पड़ता है और जब फसल तैयार होकर मंडी में बिकने के लिए आती है तो समर्थन मूल्य प्राप्त करने के लिए भी आंदोलन , और सरकारी खरेदी केंद्र खुलवाने के लिए भी आंदोलन , फसल खराब हो जाये तो मुआवजा प्राप्त करने के लिए भी आंदोलन और तो और किसान को अपनी खेती की जमीन बचाने के लिए भी आंदोलन करने के लिए भूखे प्यासे सड़क पर आना पड़ता हैं ! सभी के वेतन भत्ते ध्वनि मत से एक साथ आपस में सहयोग करते हुए पारित कर दिए जाते है लेकिन किसान और किसानी की बात आते ही सभी दल राजनीति करने लगते हैं !

व्दितीय सत्र में अखिल भारतीय संगठन मंत्री माननीय दिनेश कुलकर्णी तथा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अम्बू भाई ने केन्द्रीय कार्यालय का निर्माण दिल्ली में सभी भारतीय किसान संघ के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं के आर्थिक सहयोग से ही किये जाने का निश्चय किया !
तृतीय सत्र में प्रदेशाध्यक्ष मणि लाल तथा प्रदेश उपाध्यक्ष हीरा लाल चौधरी ने आगामी दिनों में राज्य सरकार की कृषि नीतियों के खिलाफ राजस्थान प्रदेश में एक प्रदेश व्यापी आंदोलन की रूप रेखा को तैयार किया हैं ! प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि इस बार की प्याज़ सरकार की आंखो में आंसू लाने के लिए प्रयाप्त रहेगी !